यह 3 राशियों वाले शनि की साढ़े साती की गिरफ्त में है, जानें कैसे बचे शनि की वक्र दृष्टि से
शनि की साढ़े साती का नाम सुनते ही कई लोग चिंतित हो जाते हैं, क्योंकि यह स्थिति उन राशियों के लिए कठिनाइयों का कारण बनती है। जिन राशियों पर शनि की साढ़े साती का प्रभाव होता है, उन्हें न केवल अपने करियर और व्यवसाय में समस्याओं का सामना करना पड़ता है, बल्कि उनके प्रेम जीवन में भी कई चुनौतियाँ उत्पन्न होती हैं। वर्तमान में शनि कुंभ राशि में स्थित हैं और 17 जनवरी 2023 से अपनी स्वराशि में विराजमान हैं, जो 29 मार्च 2025 तक जारी रहेगा।
इस समय तीन राशियाँ शनि की साढ़े साती के प्रभाव में हैं। शनि को न्याय का देवता माना जाता है, और उनकी दृष्टि से प्रभावित होने वाली राशियों को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है। शनि की साढ़े साती के दौरान, व्यक्ति को कई प्रकार की बाधाओं और कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है, जिससे उनकी मानसिक स्थिति भी प्रभावित होती है। इसलिए, इस स्थिति से बचने के लिए कुछ उपाय करना आवश्यक है।
शनि की साढ़े साती से मुक्ति पाने के लिए कुछ अचूक उपाय किए जा सकते हैं, जो शनिदेव को प्रसन्न करने में सहायक होते हैं। इन उपायों के माध्यम से व्यक्ति अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकता है और शनि के नकारात्मक प्रभावों से बच सकता है। आइए, जानते हैं कि कौन-सी तीन राशियाँ इस समय शनि की साढ़े साती से प्रभावित हैं और शनि की साढ़े साती का वास्तविक अर्थ क्या है।
कुंभ राशि के करियर और कारोबार पर शनि की साढ़े साती
वर्तमान में शनि ग्रह कुंभ राशि में स्थित है, जो कि शनि की अपनी मूल राशि भी मानी जाती है। इस स्थिति के कारण कुंभ राशि के जातकों को अपने करियर में अनेक प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। विशेष रूप से, नौकरी करने वाले व्यक्तियों के लिए यह समय चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है, क्योंकि उनकी समस्याएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं।
जिन व्यक्तियों के पास वर्तमान में नौकरी नहीं है, उन्हें नई नौकरी प्राप्त करने में कठिनाई हो रही है। वहीं, जो लोग पहले से नौकरी में हैं, उनकी मेहनत के बावजूद उन्हें पदोन्नति या तरक्की नहीं मिल रही है। इस प्रकार, कुंभ राशि के जातकों के लिए करियर में प्रगति की संभावनाएं सीमित होती जा रही हैं, जिससे उनके मनोबल पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।
इसके अतिरिक्त, व्यापार से जुड़े व्यक्तियों को भी निरंतर आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। यह सभी समस्याएं शनि की साढ़े साती के प्रभाव के कारण उत्पन्न हो रही हैं, जो कुंभ राशि के जातकों के लिए एक चुनौतीपूर्ण समय का संकेत देती है। इस स्थिति में धैर्य और समझदारी से काम लेना आवश्यक है, ताकि आने वाले समय में बेहतर अवसरों का सामना किया जा सके।
मकर राशि के वैवाहिक जीवन पर शनि की साढ़े साती
मकर राशि के जातकों के वैवाहिक जीवन में कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। शनि की साढ़े साती के प्रभाव के कारण पति-पत्नी के बीच सामंजस्य की कमी देखी जा रही है। इस अवधि में, शनि का नकारात्मक प्रभाव व्यक्ति को गुस्से और अहंकार से भर देता है, जिससे वह संवाद करने में असमर्थ हो जाता है और छोटी-छोटी बातों पर भी क्रोधित हो जाता है।
इस स्थिति के परिणामस्वरूप, वैवाहिक और प्रेम संबंधों में गलतफहमियां उत्पन्न होती हैं, जो अंततः रिश्तों को कमजोर कर देती हैं। मकर राशि के जातकों के लिए यह समय चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है, क्योंकि वे अपने व्यक्तिगत जीवन में संतुलन बनाए रखने में कठिनाई महसूस कर रहे हैं। इस प्रकार की समस्याएं उनके संबंधों को प्रभावित करने के साथ साथ उनकी मानसिक स्तिथि को भी व्यथित करती है।
इसके अलावा, करियर के क्षेत्र में भी मकर राशि के जातकों को अपेक्षित सफलता प्राप्त नहीं हो रही है। यह स्थिति उन्हें और अधिक तनाव में डाल सकती है, जिससे उनके वैवाहिक जीवन में और भी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इस समय में, उन्हें धैर्य और समझदारी से काम लेना आवश्यक है, ताकि वे अपने जीवन के विभिन्न पहलुओं में संतुलन स्थापित कर सकें।
मीन राशि वाले जातकों स्वास्थय और शनि की साढ़े साती
मीन राशि के जातकों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। शनि की साढ़े साती का प्रभाव न केवल व्यवसाय, नौकरी और आमदनी पर पड़ता है, बल्कि यह वैवाहिक जीवन और स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक असर डालता है। वर्तमान में मीन राशि के लोग इस कठिनाई का सामना कर रहे हैं, जिससे उनकी सेहत पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।
शनि की साढ़े साती के दौरान गंभीर बीमारियों का सामना करने के साथ-साथ पुरानी बीमारियों के पुनः उभरने की संभावना भी बढ़ जाती है। मीन राशि के जातक इस समय करियर में भी कई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। विशेष रूप से नौकरीपेशा व्यक्तियों को उनकी अपेक्षाओं के अनुरूप पदोन्नति या तरक्की नहीं मिल रही है, जिससे वे मानसिक तनाव का अनुभव कर सकते हैं।
इस कठिन समय में मीन राशि के जातकों को अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखना आवश्यक है। उन्हें चाहिए कि वे नियमित स्वास्थ्य जांच कराएं और अपने जीवनशैली में सुधार लाएं। इसके अलावा, मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए योग और ध्यान का अभ्यास करना भी लाभकारी हो सकता है, जिससे वे इस कठिनाई को बेहतर तरीके से संभाल सकें।
साढ़े साती का प्रभाव
शनि की साढ़े साती के दुष्प्रभावों से बचने के लिए कुछ विशेष उपाय किए जा सकते हैं। प्रत्येक शनिवार को शनि बीज मंत्र "ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः" का जाप करना अत्यंत लाभकारी होता है। इस मंत्र का नियमित जाप करने से शनि के नकारात्मक प्रभावों में कमी आती है और व्यक्ति को मानसिक शांति मिलती है।
शनिदेव की कृपा प्राप्त करने के लिए शनिवार के दिन उनके मंदिर में जाकर सरसों का तेल और काले तिल अर्पित करना चाहिए। इसके साथ ही, शनि चालीसा का पाठ करना भी आवश्यक है। 21 बार शनि स्त्रोत का पाठ करने से शनि की साढ़े साती के प्रभावों से मुक्ति मिलती है, जिससे व्यक्ति को जीवन में सकारात्मकता का अनुभव होता है।
किसी भी श्रमिक, गरीब, जीव-जंतु या असहाय व्यक्ति को प्रताड़ित नहीं करना चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से शनि की साढ़े साती के प्रभाव और भी बढ़ सकते हैं। शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ करने और महादेव की आराधना करने से भी शनि के दुष्प्रभावों में कमी आती है, जिससे व्यक्ति को मानसिक और आध्यात्मिक बल मिलता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि ग्रह की गति को सबसे धीमी गति माना जाता है। शनि एक राशि में लगभग ढाई वर्षों तक निवास करते हैं। जब किसी व्यक्ति की जन्म राशि, जिसे चंद्र राशि भी कहा जाता है, से शनि 12वें भाव में प्रवेश करता है, तब उस व्यक्ति की राशि पर साढ़े साती का प्रभाव प्रारंभ होता है।
हर व्यक्ति के जीवन में शनि की साढ़े साती के तीन महत्वपूर्ण चरण होते हैं। इस अवधि के दौरान, शनि का प्रभाव व्यक्ति की राशि पर गहरा असर डालता है। इसके परिणामस्वरूप, व्यक्ति को करियर, व्यक्तिगत जीवन और स्वास्थ्य से संबंधित कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
शनि की साढ़े साती का यह प्रभाव व्यक्ति के जीवन में विभिन्न प्रकार की कठिनाइयों का कारण बन सकता है। इस समय के दौरान, व्यक्ति को धैर्य और संयम बनाए रखने की आवश्यकता होती है, ताकि वह इन चुनौतियों का सामना कर सके। ज्योतिषी इस अवधि को समझने और सही उपाय करने की सलाह देते हैं, ताकि व्यक्ति अपने जीवन में संतुलन बनाए रख सके।
साढ़े साती के प्रभावों को कम करने उपाय
शनि की साढ़े साती के दुष्प्रभावों से बचने के लिए कुछ विशेष उपाय किए जा सकते हैं। प्रत्येक शनिवार को शनि बीज मंत्र "ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः" का जाप करना अत्यंत लाभकारी होता है। इस मंत्र का नियमित जाप करने से शनि के नकारात्मक प्रभावों में कमी आती है और व्यक्ति को मानसिक शांति मिलती है।
शनिदेव की कृपा प्राप्त करने के लिए शनिवार के दिन उनके मंदिर में जाकर सरसों का तेल और काले तिल अर्पित करना चाहिए। इसके साथ ही, शनि चालीसा का पाठ करना भी आवश्यक है। 21 बार शनि स्त्रोत का पाठ करने से शनि की साढ़े साती के प्रभावों से मुक्ति मिलती है, जिससे व्यक्ति को जीवन में सकारात्मकता का अनुभव होता है।
किसी भी श्रमिक, गरीब या असहाय व्यक्ति को प्रताड़ित नहीं करना चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से शनि की साढ़े साती के प्रभाव और भी बढ़ सकते हैं। शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ करने और महादेव की आराधना करने से भी शनि के दुष्प्रभावों में कमी आती है, जिससे व्यक्ति को मानसिक और आध्यात्मिक बल मिलता है।
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