गोमेद कौन धारण कर सकता है जानें "Best Astrologer in Durg Bhilai Lakshmi Narayan" से

गोमेद कौन धारण कर सकता है जानें "Best Astrologer in Durg Bhilai Lakshmi Narayan" से

गोमेद कौन धारण कर सकता है जानें "Best Astrologer in Durg Bhilai Lakshmi Narayan" से

दुर्ग भिलाई के प्रसिद्ध ज्योतिषी लक्ष्मी नारायण के अनुसार, रत्न धारण करना भाग्य को बढ़ाने का एक अत्यंत प्रभावी उपाय है। उनका मानना है कि रत्न पहनने से पहले व्यक्ति की जन्म कुंडली और ग्रहों की स्थिति का गहन अध्ययन करना आवश्यक है, ताकि रत्न की प्रभावशीलता और अनुकूलता का सही आकलन किया जा सके।

लक्ष्मी नारायण का यह भी कहना है कि प्रत्येक व्यक्ति की व्यक्तिगत स्थिति के अनुसार ही रत्न का चयन करना चाहिए। इस प्रकार, सही रत्न का चयन करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने में सहायता मिलती है।

गोमेद रत्न

गोमेद रत्न राहु ग्रह का प्रतीक है। राहु को एक छायाग्रह माना जाता है, इसलिए इसे किसी विशेष राशि से नहीं जोड़ा जाता। लक्ष्मी नारायण के अनुसार, किसी व्यक्ति को गोमेद पहनने की सलाह उसके जन्मकुंडली में राहु की स्थिति का गहन अध्ययन करने के बाद ही दी जानी चाहिए।

यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु ग्रह पहले, चौथे, पाँचवे, सातवें, नवें या दसवें भाव में स्थित है, तो ऐसे व्यक्ति के लिए गोमेद पहनना लाभकारी और शुभ होता है। यह रत्न व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है और उसे विभिन्न प्रकार के लाभ प्रदान कर सकता है।

इसके विपरीत, यदि राहु ग्रह दूसरे, सातवें, आठवें या बारहवें भाव में उपस्थित है, तो ऐसी स्थिति में गोमेद रत्न पहनना व्यक्ति के लिए हानिकारक और अशुभ हो सकता है। इस प्रकार की स्थिति में गोमेद का उपयोग करने से व्यक्ति को नकारात्मक परिणामों का सामना करना पड़ सकता है, इसलिए इसे धारण करने से पहले उचित परामर्श लेना आवश्यक है।

दुर्ग भिलाई के ज्योतिषी लक्ष्मी नारायण का मत है कि गोमेद रत्न के साथ मोती, मूँगा, माणिक्य और पीले पुखराज का एक साथ धारण करना उचित नहीं है। ऐसा करने से व्यक्ति को कई प्रकार के नकारात्मक परिणामों का सामना करना पड़ सकता है। इनमें दुर्घटनाएँ, आर्थिक नुकसान और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ शामिल हो सकती हैं।

लक्ष्मी नारायण के अनुसार, इन रत्नों का एक साथ उपयोग करने से व्यक्ति की जीवन में अशुभता का संचार हो सकता है। यह न केवल व्यक्तिगत जीवन को प्रभावित करता है, बल्कि सामाजिक और आर्थिक स्थिति पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। इसलिए, इन रत्नों के संयोजन से बचना आवश्यक है।

इस संदर्भ में, ज्योतिषी ने सलाह दी है कि रत्नों का चयन करते समय सावधानी बरतनी चाहिए। सही रत्नों का चयन और उनका उचित उपयोग व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकता है। अतः, गोमेद के साथ अन्य रत्नों का संयोजन करने से पहले विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लेनी चाहिए।।

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