इन 3 राशियों पर 10 साल के लिए रहेंगे साढ़े साती के प्रभाव जानें दुर्ग भिलाई ज्योतिष लक्ष्मी नारायण से

इन 3 राशियों पर 10 साल के लिए रहेंगे साढ़े साती के प्रभाव जानें दुर्ग भिलाई ज्योतिष लक्ष्मी नारायण से

इन 3 राशियों पर 10 साल के लिए रहेंगे साढ़े साती के प्रभाव जानें दुर्ग भिलाई ज्योतिष लक्ष्मी नारायण से

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, प्रत्येक व्यक्ति की कुंडली में शनि ग्रह का महत्वपूर्ण स्थान होता है। शनि को न्याय का देवता माना जाता है, और इसके गुण तथा दोषों का विस्तृत वर्णन ज्योतिष में किया गया है। शनि ग्रह की गति अन्य ग्रहों की तुलना में सबसे धीमी होती है, जो इस तथ्य को दर्शाती है कि शनि देव न्याय और कर्म के फलदाता हैं।

शनि देव की धीमी गति का कारण यह है कि वे न्याय करते हुए आगे बढ़ते हैं। इस प्रक्रिया में, वे सभी राशि के जातकों पर अपना प्रभाव डालते हैं। शनि का प्रभाव जातकों के कर्मों के अनुसार होता है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि अच्छे कर्म करने वाले व्यक्तियों को अच्छा फल प्राप्त होता है, जबकि बुरे कर्म करने वालों को बुरा फल मिलता है।

इस प्रकार, शनि ग्रह का प्रभाव न केवल व्यक्तिगत जीवन में महत्वपूर्ण होता है, बल्कि यह समाज में भी न्याय और कर्म के सिद्धांतों को स्थापित करने में सहायक होता है। इसलिए, शनि की स्थिति और उसके प्रभाव को समझना हर व्यक्ति के लिए आवश्यक है, ताकि वे अपने कर्मों के अनुसार उचित फल की अपेक्षा कर सकें।

शनि देते है बहुत से कष्ट

शनि ग्रह का राशि परिवर्तन लगभग ढाई वर्षों का समय लेता है, जिसे ज्योतिष में ढैय्या कहा जाता है। यदि किसी व्यक्ति के कर्म सकारात्मक हैं, तो उसे इस अवधि में अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे, जबकि नकारात्मक कर्मों के परिणामस्वरूप उसे विभिन्न कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। शनि की ढैय्या और साढ़ेसाती को सामान्यतः शुभ नहीं माना जाता है, और ये समय व्यक्ति के जीवन में चुनौतियाँ लेकर आते हैं।

जब शनि ग्रह किसी राशि में साढ़ेसाती या ढैय्या का प्रभाव डालता है, तो उस राशि के जातक को अनेक प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस समय के दौरान जातक को पारिवारिक, आर्थिक और सामाजिक संकटों का सामना करना पड़ सकता है। शनि के राशि परिवर्तन के कारण कुछ राशियों में साढ़ेसाती का प्रभाव शुरू होता है, जबकि अन्य राशियों में ढैय्या का आरंभ होता है, जिससे जातक की स्थिति प्रभावित होती है।

शनि की चाल से कुछ राशियों में साढ़ेसाती समाप्त हो जाती है, जबकि अन्य राशियों में ढैय्या का प्रभाव बढ़ता है। इस प्रकार, शनि का यह परिवर्तन जातकों के जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव लाता है। इसलिए, यह आवश्यक है कि जातक इस समय को समझें और अपने कर्मों को सुधारने का प्रयास करें, ताकि वे इस कठिनाई से उबर सकें और सकारात्मक परिणाम प्राप्त कर सकें।

किस राशि पर कौन सा चरण

शनि ने जनवरी 2024 में मकर राशि से कुंभ राशि में प्रवेश किया, जिसके परिणामस्वरूप मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती की शुरुआत हुई। इस परिवर्तन के साथ ही धनु राशि से साढ़ेसाती समाप्त हो गई। वर्तमान में मकर, कुंभ और मीन राशि पर साढ़ेसाती का प्रभाव है, जिसमें कुंभ राशि पर इसका दूसरा चरण, मकर राशि पर अंतिम चरण और मीन राशि पर पहला चरण चल रहा है। इसके अतिरिक्त, कर्क और वृश्चिक राशि के जातकों पर शनि की ढैय्या का प्रभाव बना हुआ है।


अगले 10 वर्षों तक इन राशियों पर रहेगा साढ़े साती का प्रभाव

वैदिक ज्योतिष के अनुसार, मीन राशि के जातकों पर शनि की साढ़ेसाती का पहला चरण 8 अगस्त 2029 तक जारी रहेगा। इसी प्रकार, कुंभ राशि पर साढ़ेसाती का दूसरा चरण चल रहा है, जो 3 जून 2027 तक समाप्त होगा। मकर राशि के जातकों के लिए शनि की साढ़ेसाती का तीसरा और अंतिम चरण है, जो 29 मार्च 2025 तक चलेगा। इस प्रकार, अगले 10 वर्षों तक इन राशियों पर साढ़ेसाती का प्रभाव बना रहेगा।

शनि की साढ़ेसाती का यह चक्र जातकों के जीवन में महत्वपूर्ण परिवर्तन ला सकता है। यह समय आत्म-विश्लेषण और सुधार का होता है, जिसमें व्यक्ति को अपने कार्यों और निर्णयों पर ध्यान देने की आवश्यकता होती है। इस अवधि में धैर्य और संयम बनाए रखना आवश्यक है, ताकि आने वाले समय में सकारात्मक परिणाम प्राप्त किए जा सकें।

आने वाले वर्षों पर किनपर रहेगी साढे साती के प्रभाव

भविष्य में शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव विभिन्न राशियों पर देखने को मिलेगा। मार्च 2025 में शनि का राशि परिवर्तन होगा, जिसके परिणामस्वरूप मेष राशि के जातकों के लिए साढ़ेसाती की शुरुआत होगी। इसके बाद, 2027 से वृषभ राशि के जातकों पर साढ़ेसाती का पहला चरण आरंभ होगा, जो 2034 में समाप्त होगा। मिथुन राशि के लिए यह अवधि 8 अगस्त 2029 से शुरू होकर 2036 तक जारी रहेगी।

कर्क राशि के जातकों के लिए साढ़ेसाती 31 मई 2032 से प्रारंभ होगी और 22 अक्टूबर 2038 को समाप्त होगी। आने वाले 10 से 15 वर्षों में कुंभ, मीन, मेष, वृषभ, मिथुन और कर्क राशि के लोगों पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव देखने को मिलेगा। यह समय इन राशियों के जातकों के लिए महत्वपूर्ण रहेगा, क्योंकि यह उनके जीवन में कई बदलाव और चुनौतियाँ ला सकता है।

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