कर्क राशि के व्यक्ति कैसे होते हैं जानें दुर्ग भिलाई ज्योतिष लक्ष्मी नारायण से

कर्क  राशि के व्यक्ति कैसे होते हैं

कर्क  राशि के व्यक्ति कैसे होते हैं जानें दुर्ग भिलाई ज्योतिष लक्ष्मी नारायण से


कर्क राशि के लोग अत्यधिक संवेदनशील होते हैं और दूसरों के जीवन में गहरी रुचि रखते हैं। इस राशि के जातकों को अपने जन्म स्थान से विशेष लगाव होता है, जो उनके व्यक्तित्व का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। चंद्रमा के प्रभाव के कारण, उन्हें अक्सर स्थान परिवर्तन करने की आवश्यकता होती है। इनका स्वभाव दृढ़ता और कमजोरी का मिश्रण होता है, जिससे उनकी मनःस्थिति अक्सर बदलती रहती है। कर्क राशि के लोग अपनी शर्तों पर जीते हुए सज्जनता और विनम्रता का परिचय देते हैं।

कर्क राशि के व्यक्ति अपने विचारों और मान्यताओं को बदलने में संकोच नहीं करते हैं, जब उन्हें अपने अनुसार निर्माण करने की आवश्यकता होती है। इनके स्वभाव में विरोधाभास स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। यदि इनका कोई साथी या मित्र उनके अनुसार नहीं चलता है, तो ये उसे नजरअंदाज कर सकते हैं। इस राशि के जातकों को मान-सम्मान और आदर की गहरी इच्छा होती है, जो उनके सामाजिक जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

कर्क राशि के लोग आसानी से मूर्ख नहीं बनते हैं। ये व्यक्ति, वस्तु और परिस्थितियों के प्रति गहरे बंधन में होते हैं। चाहे कितनी भी कठिनाई क्यों न हो, ये अपने संबंधों को बनाए रखने में सक्षम होते हैं। इनकी संवेदनशीलता और गहरी सोच उन्हें एक विशेष पहचान देती है, जो उन्हें अन्य राशियों से अलग बनाती है।

कर्क राशि

कर्क राशि ज्योतिषीय क्रम में चौथे स्थान पर स्थित है, इस राशि का स्वामी चंद्रमा है, जो यह संकेत करता है कि चंद्र देव का नियंत्रण कर्क राशि पर है। यदि किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में चंद्रमा अपनी राशि में स्थित हो, तो इसे स्वराशि कहा जाता है। वहीं, यदि चंद्रमा राहु के साथ होता है, तो यह ग्रहण योग का निर्माण करता है, जिससे व्यक्ति के व्यक्तित्व पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

जब चंद्रमा के साथ क्रूर ग्रह मंगल उपस्थित होता है या मंगल की दृष्टि चंद्रमा पर होती है, तो कर्क राशि के सौम्य स्वभाव वाले लोग भी क्षणिक क्रोध का अनुभव कर सकते हैं। यह स्थिति दर्शाती है कि कर्क राशि के जातकों के लिए चंद्रमा और अन्य ग्रहों की स्थिति का ध्यान रखना आवश्यक है। इस प्रकार, जब भी आप कर्क राशि के बारे में अध्ययन करें, तो ग्रहों की स्थिति को ध्यान में रखते हुए शुभ और अशुभ प्रभावों का आकलन करें।

इस प्रकार, कर्क राशि के जातकों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे अपने ग्रहों की स्थिति को समझें, ताकि वे अपने जीवन में आने वाले विभिन्न प्रभावों का सही मूल्यांकन कर सकें। चंद्रमा की स्थिति और अन्य ग्रहों के प्रभावों को जानकर, व्यक्ति अपने भविष्य के फलादेश को अधिक सटीकता से जान सकता है। कर्क राशि के जातकों के लिए यह ज्ञान उनके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने में सहायक हो सकता है।

कर्क राशि के लोग अत्यंत संवेदनशील और भावुक होते हैं, जो कला के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। उनकी स्वभाव में सौंदर्य और मिलनसारी का गुण विद्यमान होता है, जिससे वे दूसरों के साथ अच्छे संबंध स्थापित कर पाते हैं।

कर्क राशि के व्यक्तियों की विशेषताएँ वफादारी, कल्पनाशीलता और योजना बनाने की क्षमता में निहित हैं। हालांकि, उनके कुछ अवगुण जैसे झगड़ालूपन, द्वेषभावना और संकीर्ण मानसिकता भी देखी जा सकती है। वैवाहिक और प्रेम संबंधों में ये मेष, वृष, कन्या, तुला, वृश्चिक, मकर, मीन और कर्क राशि के लोगों के साथ अनुकूलता दर्शाते हैं। व्यवसाय के क्षेत्र में होटल प्रबंधन, खाद्य सामग्री, जल आधारित उत्पादों का व्यापार, न्याय, साहित्य और राजनीति जैसे क्षेत्रों में उनकी सफलता की संभावनाएँ अधिक होती हैं। स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहना आवश्यक है, क्योंकि उन्हें हड्डी, वक्ष, पेट, मधुमेह, मुख और हृदय संबंधी रोगों से सावधानी बरतनी चाहिए।

कर्क राशि के व्यक्तियों के लिए शुभ रंग सफेद और क्रीम माने जाते हैं। इस राशि के लिए सोमवार का दिन विशेष रूप से शुभ होता है, और इसके लिए 2, 11, 20, 29 तारीखें भी लाभकारी मानी जाती हैं। शुभ अंक 2 है, जो इस राशि के जातकों के लिए महत्वपूर्ण है।

कर्क राशि के जातकों के लिए मोती शुभ रत्न है, जबकि दो मुखी रुद्राक्ष को धारण करना लाभकारी होता है। इस राशि की शुभ दिशा उत्तर है, और भगवान शंकर को इसका शुभ देवता माना जाता है। सोमवार का व्रत इस राशि के लिए विशेष महत्व रखता है। मित्र राशियों में वृश्चिक, मीन और तुला शामिल हैं, जबकि मकर और कुंभ शत्रु राशियों के रूप में मानी जाती हैं। राशि का स्वामी चंद्रमा है।



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