दुर्ग भिलाई ज्योतिष लक्ष्मी नारायण से जानें — ज्योतिष क्या है?

दुर्ग भिलाई ज्योतिष लक्ष्मी नारायण से जानें ज्योतिष क्या है

दुर्ग भिलाई ज्योतिष लक्ष्मी नारायण से जानें — ज्योतिष क्या है?

ज्योतिष एक ऐसा प्राचीन विज्ञान है, जो समय, ग्रहों और नक्षत्रों की गति के आधार पर मनुष्य के जीवन के रहस्यों को समझने की क्षमता प्रदान करता है। दुर्ग भिलाई के प्रसिद्ध ज्योतिषी लक्ष्मी नारायण के अनुसार, ज्योतिष केवल भविष्यवाणी करने का साधन नहीं है, बल्कि यह जीवन की दिशा और उद्देश्य को पहचानने का मार्ग भी है।

जन्म के क्षण से ही व्यक्ति के ग्रह और नक्षत्र उसकी कुंडली में विशेष स्थिति ग्रहण करते हैं। इसी स्थिति के आधार पर एक ज्योतिषी किसी व्यक्ति के गुण, स्वभाव, प्रतिभा, अवसर और चुनौतियों का गहन अध्ययन कर सकता है। इस विज्ञान का प्रमुख उद्देश्य व्यक्ति को आत्मज्ञान और सही दिशा प्रदान करना है।


राशि चक्र और नक्षत्रों की भूमिका

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, राशि चक्र नक्षत्रों का एक ऐसा समूह है जिसके माध्यम से सूर्य, चंद्रमा और अन्य ग्रह अपनी गति करते हैं। जन्म के समय इन ग्रहों की स्थिति का विश्लेषण करने से व्यक्ति के जीवन की संभावनाओं और घटनाओं का अनुमान लगाया जा सकता है।

इसी आधार पर ज्योतिषी कुंडली या राशिफल तैयार करते हैं, जो व्यक्ति के जीवन के हर पहलू को समझने में मदद करता है — चाहे वह करियर हो, विवाह, स्वास्थ्य या आर्थिक स्थिति।






ज्योतिषीय चार्ट और उसका महत्व

ज्योतिषीय चार्ट, जिसे सामान्यतः “राशिफल” कहा जाता है, किसी व्यक्ति के भविष्य, स्वभाव और जीवन की घटनाओं का प्रतिबिंब होता है। यह चार्ट जन्म तिथि, समय और स्थान के आधार पर बनाया जाता है। ज्योतिषी इस चार्ट का विश्लेषण करके व्यक्ति के जीवन में आने वाले शुभ-अशुभ योग, अवसर और चुनौतियों को पहचानते हैं।

ज्योतिष न केवल भविष्य की झलक देता है, बल्कि यह जीवन को सही दिशा में ले जाने वाला मार्गदर्शक भी है। जैसा कि ज्योतिषी लक्ष्मी नारायण कहते हैं — “ज्योतिष किसी के भाग्य को बदलने का नहीं, बल्कि उसे सही दिशा देने का माध्यम है।”


भारतीय वैदिक ज्योतिष का महत्व

भारतीय ज्योतिष, जिसे वैदिक ज्योतिष भी कहा जाता है, हजारों वर्षों पुराना ज्ञान है। यह प्रणाली 27 नक्षत्रों, 12 राशियों, 9 ग्रहों और 12 भावों पर आधारित है। इन तत्वों के संयोजन से यह समझा जाता है कि कौन सा ग्रह व्यक्ति के जीवन पर किस प्रकार का प्रभाव डाल रहा है।

भारतीय ज्योतिष में प्रत्येक ग्रह का अपना महत्व है — सूर्य आत्मा का प्रतीक है, चंद्र मन का, बुध बुद्धि का, और शुक्र प्रेम एवं समृद्धि का प्रतिनिधित्व करता है। इन ग्रहों की स्थिति के आधार पर ही व्यक्ति की कुंडली तैयार होती है, जो जीवन का खाका प्रस्तुत करती है।


कुंडली निर्माण और विश्लेषण

जन्म तिथि, समय और स्थान के अनुसार जब कुंडली बनाई जाती है, तो यह जन्म के समय के ग्रहों की सटीक स्थिति को प्रदर्शित करती है। इसके माध्यम से ज्योतिषी यह बता सकते हैं कि कौन से ग्रह शुभ हैं, कौन से अशुभ प्रभाव डाल रहे हैं, और किन उपायों से इन ग्रहों को संतुलित किया जा सकता है।

ज्योतिषी लक्ष्मी नारायण कहते हैं कि “यदि कुंडली सही दिशा में समझी जाए तो जीवन के हर क्षेत्र में सफलता संभव है।


अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

1️⃣ क्या ज्योतिष विज्ञान है?

हाँ, ज्योतिष एक वैज्ञानिक प्रणाली है जो खगोलीय गणनाओं और ग्रहों की स्थिति पर आधारित है।

2️⃣ कुंडली का क्या महत्व है?

कुंडली व्यक्ति के जन्म समय के ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति को दर्शाती है और जीवन की दिशा निर्धारित करती है।

3️⃣ क्या ज्योतिषी लक्ष्मी नारायण ऑनलाइन परामर्श देते हैं?

हाँ, आप उनकी वेबसाइट idea4you.in के माध्यम से ऑनलाइन परामर्श ले सकते हैं।

प्रस्तुतकर्ता: ज्योतिषी लक्ष्मी नारायण — दुर्ग भिलाई के प्रतिष्ठित एवं अनुभवी ज्योतिषाचार्य 

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